उत्तराखंड के चमोली जिले में कई पर्यटक स्थल अब भी गुमनामी के अंधेरे में हैं। इन पर्यटक स्थलों में से एक है चेनाप घाटी। उत्तराखंड के चमोली जिले में समुद्र तल से 13 हजार फीट की ऊंचाई पर सोना शिखर के पास स्थित चेनाप घाटी विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी से किसी भी मायने में कम नहीं है। चेनाप घाटी में चारों ओर कई प्रकार के फूल दिखाई देते हैं, जो वाकई में बहुत सुंदर दिखते हैं।
चेनाप घाटी के बारे में ज्यादा लोगो को जानकारी नहीं है, इसलिए यहाँ कम संख्या में पर्यटक आते हैं। पहाड़ों के बीच स्थित चेनाप घाटी गूगल पर तो है, लेकिन उत्तराखंड के मानचित्र में नहीं। विडंबना देखिए कि पर्यटन विभाग ने दो वर्ष पूर्व इसे “ट्रेक ऑफ द ईयर” घोषित करने को जो कार्य योजना भेजी थी उसे भी आज तक मंजूरी नहीं मिली। चेनाप घाटी को कई लोग अपना ड्रीम डेस्टिनेशन भी कहते हैं, इसकी वजह है यहां फूलों से गुलज़ार घाटी की सुंदरता।
चेनाप घाटी के बारे में….
चमोली जिले के जोशीमठ ब्लॉक मुख्यालय के ठीक सामने थैंग गांव के पास स्थित चेनाप घाटी में लगभग 315 प्रजाति के पुष्प हैं। ऐसे में इसे दूसरी फूलों की घाटी कहना अतिश्योक्ति नहीं होंगी। क्षेत्र में फैले मखमली बुग्यालों के बीच खिले हुए रंग-बिरंगे फूल पर्यटकों को अपनी ओर सम्मोहित कर देते हैं। इस क्षेत्र में हिमालय में होने वाली अनेक जड़ी बूटियां भी उपलब्ध हैं। जून से लेकर अक्टूबर तक पूरी घाटी अलग-अलग फूलों के रंगों का गुलदस्ता जैसी नजर आती है।
चेनाप घाटी का सबसे बड़ा आकर्षण है यहां प्राकृतिक रूप से बनी मेंड़ और क्यारियां। इन्हें देखकर ऐसा प्रतीत होता है मानो किसी कुशल काशतकार ने फूलों को करीने से सजाया है। देव पुष्प ब्रह्मकमल को देखना चाहते हैं तो आपको चेनाप घाटी अवश्य आना चाहिए। ये क्यारियां ब्रह्मकमल से भरी हुई है, इन क्यारियों को यहाँ फुलाना कहते हैं। फूलों के अलावा यहां दुर्लभ प्रजाति के वन्य जीव और जड़ी-बूटियों का भंडार है।
चेनाप घाटी के बारे में पुराणों में भी उल्लेख है। कहते हैं कि जितनी खुशबू चेनाप के बुग्याल के फूलों में है उतनी खुशबू तो गंधमादन पर्वत और बदरीवन के फूलों में भी नहीं आती। कहा जाता है कि राजा विशाला ने हनुमान चट्टी में विशाल यज्ञ किया था, जिस वजह से गंधमादन और बदरीवन पर्वत के फूलों की खुशबू खत्म हो गई। चेनाप घाटी को देश दुनिया के लोग भले ही ना जानते हो लेकिन पश्चिम बंगाल के लोगो का ये पसंदीदा ट्रेक है। चेनाप घाटी में मेलारी टॉप से हिमालय की बहुत सी गगनचुंबी चोटियों का दीदार होता है। इसके अलावा यह घाटी अपनी अनूठी जैव विविधता के लिए भी प्रसिद्ध है।
चेनाप घाटी में फूलों की विभिन्न प्रजातियां, तरह-तरह के हिमालयी वन्य जीव, परिंदे, तितलियाँ, औषधीय जड़ी-बूटियां और मीलों फैले बुग्याल देखने को मिलेंगे। चेनाप घाटी में स्वानू और नंदू ताल भी स्थित हैं। चेनाप घाटी पहुँचने के लिए थैंग गांव जाना पड़ता है, जो कि बेहद खूबसूरत गांव है। पहाड़ों के बीच यह हरा-भरा गांव देखकर आप ताजगी से भर जाते हैं। थैंग गांव एक खूबसूरत गांव है, जहां की महिलाओं को देखकर यहां की संस्कृति का एहसास किया जा सकता है। थैंग गांव में रुकने के लिए होमस्टे की व्यवस्था भी है।
चेनाप घाटी के प्रमुख आकर्षण स्थल……
चनाण हल : चेनाप घाटी में मौजूद फूलों की प्राकृतिक क्यारी को “चनाण हल’ नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि हर साल देवी नंदा के धर्म भाई लाटू देवता यहां हल लगाने आते हैं और यह क्यारी तैयार करते हैं।
जाख भूत धारा : चेनाप घाटी के बुग्याल के ठीक सामने काला डांग नामक चोटी से निकलने वाले विशाल झरने को जाख भूत धारा नाम से जाना जाता है। इसे ब्लैक स्टोन के नाम से भी जानते हैं।
लाटू कुंड : चेनाप घाटी बुग्याल के बायें और एक विशाल कुंड स्थित है, जो अब दलदल का रूप ले चुका है। इस कुंड को लाटू कुंड के नाम से जाना जाता है।
मस्क्वास्याणी : चेनाप घाटी के बुग्यालों के सामने ब्रह्म कमल की एक विशाल क्यारी है, जो जुलाई से लेकर सितंबर तक हरी-भरी रहती है। इसे मस्कवास्याणी नाम से जाना जाता है।
फुलाना बुग्याल : चेनाप घाटी से लगभग 400 मीटर की दूरी पर 130 डिग्री के ढलान पर जड़ी-बूटियों (कड़वी, अत्तीस, हाथ जड़ी) एवं फूलों की एक विशाल क्यारी है। इसे ग्रामीणों द्वारा फुलाना नाम दिया गया है।
कैसे पहुंचे चेनाप घाटी……
चमोली जनपद के जोशीमठ ब्लॉक से चेनाप घाटी की दूरी लगभग 28 किमी है। जिसमें 10 किमी सड़क मार्ग तथा करीब 18 किमी पैदल मार्ग है। ट्रैकिंग मार्ग के दो पड़ाव है, पहले दिन मारवाड़ी, जो जोशीमठ से 10 किमी की दूरी पर है। मारवाड़ी से करीब 8 किमी की दूरी पर स्थित है थैंग गांव, थैंग गांव से 6 किमी की दूरी तय करने के बाद धार खर्क पहुँचते हैं। धार खर्क से 4 किमी की दूरी तय करके आप चेनाप घाटी पहुँचते हैं।
चेनाप घाटी में आपको प्रकृति के अद्भुत दृश्य देखने को मिलेंगे। यहां आकर आपका मन करेगा कि यहीं बैठ जाए और घंटों फूलों और पहाड़ों को निहारते रहें। वैसे तो चेनाप घाटी की सुंदरता पूरे साल भर रहती है, लेकिन जुलाई से सितंबर के बीच का समय बहुत अच्छा रहता है क्योंकि उस समय यह घाटी फूलों से गुलजार रहती है। चेनाप घाटी के मेलारी टॉप से हिमालय की गगनचुंबी चोटियों का दीदार कर सकते हैं। यकीन मानिए यह जगह आपको किसी जन्नत से कम नहीं लगेगी। अगर आपका फूलों की घाटी घूमने का मन हो तो एक बार चेनाप घाटी का प्लान जरूर बनायें।