पौड़ी गढ़वाल उत्तराखंड राज्य का एक खूबसूरत शहर है। हिमालय की वादियों से घिरा हुआ पौड़ी गढ़वाल उत्तराखंड की खूबसूरत जगहों में से एक है। उत्तराखंड राज्य का पौड़ी गढ़वाल जिला क्षेत्रफल के हिसाब से उत्तराखंड का तीसरा सबसे बड़ा जिला है। पौड़ी जिला उत्तराखंड राज्य के गढ़वाल मंडल में आता है।
चारों और पहाड़ों से घिरा हुआ पौड़ी जिला हरे-भरे जंगलों से भरपूर है। समुद्र तल से लगभग 1814 मीटर की ऊंचाई पर स्थित पौड़ी को गढ़वाल का दिल भी कहा जाता है। हिमालय की वादियों से घिरा हुआ पौड़ी गढ़वाल अपने सुहावने वातावरण के लिए प्रसिद्ध है। पौड़ी गढ़वाल में स्थित हिमालय, नदियां, हरे-भरे जंगल और ऊंचे-ऊंचे शिखर यहां की खूबसूरती को और अधिक बढ़ाते हैं। पौड़ी गढ़वाल की प्रमुख भाषा गढ़वाली है, इसके साथ ही यहां हिंदी व अंग्रेजी भी बोली जाती है। पौड़ी गढ़वाल जिले के अंतर्गत लैंसडाउन, श्रीनगर, कोटद्वार, दुगड्डा और देवप्रयाग जैसे प्रमुख शहर आते हैं।
पौड़ी गढ़वाल को बद्रीनाथ व केदारनाथ यात्रा का प्रवेश द्वार भी माना जाता है। पौड़ी गढ़वाल में पर्यटन तथा धार्मिक स्थलों की कोई कमी नहीं है तथा यह सौंदर्य की दृष्टि से भी काफी महत्वपूर्ण जिला है। पौड़ी गढ़वाल में अलकनंदा, मधु गंगा एवं नयार नदियां बहती हैं। प्रकृति प्रेमियों के लिए पौड़ी किसी जन्नत से कम नहीं है। खूबसूरत पहाड़ों से घिरा हुआ यह शहर ताजगी का एहसास कराता है। आइए जानते हैं पौड़ी गढ़वाल के दर्शनीय स्थलों के बारे में….
कंडोलिया…….
पौड़ी से 2 किमी की दूरी पर स्थित कंडोलिया देवता के मंदिर को भूमि देवता के रूप में पूजा जाता है। यहां के स्थानीय लोग इस मंदिर को बहुत मानते हैं। यह मंदिर गढ़वाल की देवी कंडोलिया देवी को समर्पित है। हर साल मंदिर में मेला लगता है, जिसको देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। कंडोलिया मंदिर के समीप खूबसूरत पार्क और खेल परिसर भी स्थित है। गर्मियों के दौरान कंडोलिया पार्क में पर्यटकों की भारी मात्रा में भीड़ देखी जा सकती है। कंडोलिया मंदिर से कुछ दूरी पर ही एशिया का सबसे ऊंचा स्टेडियम रांसी स्टेडियम भी है। कंडोलिया मंदिर से सर्दियों में हिमालय बहुत सुंदर दिखाई देता है। कंडोलिया मंदिर से हिमालय की बंदरपूंछ, चौखंभा, केदारनाथ, नीलकंठ और त्रिशूल आदि चोटियों के बहुत खूबसूरत दर्शन होते हैं।
चौखंभा व्यू प्वाइंट…….
पौड़ी से 4 किमी की दूरी पर स्थित चौखंभा व्यू प्वाइंट एक खूबसूरत जगह है। चौखंभा व्यू पॉइंट से आपको हिमालय के बर्फ से ढके पहाड़ों का शानदार नजारा देखने को मिलता है। यहां से दूर-दूर तक हरियाली ही हरियाली नजर आती है। अगर आप प्रकृति प्रेमी है और फोटोग्राफी का शौक रखते हैं तो यह जगह आपके लिए परफेक्ट जगह है। अगर आप ऊंची-ऊंची खूबसूरत चोटियों में समय बिताना चाहते हैं तो आपको चौखंभा व्यू प्वाइंट जरूर आना चाहिए।
बिनसर महादेव…..
पौड़ी से 114 किमी की दूरी पर स्थित बिनसर महादेव मंदिर यहां का एक प्रसिद्ध मंदिर है। 2480 मीटर की ऊंचाई पर स्थित बिनसर महादेव मंदिर अपनी प्राकृतिक सौंदर्यता के लिए जाना जाता है। बिनसर महादेव मंदिर भगवान गौरी और गणेश के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध है। अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध बिनसर महादेव मंदिर में हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। माना जाता है कि यह मंदिर महाराजा पृथ्वी ने अपने पिता बिंदु की याद में बनवाया था। इस मंदिर को बिंदेश्वर मंदिर के नाम से भी जाना जाता है।
ताराकुण्ड…….
पौड़ी गढ़वाल में ताराकुंड बहुत ही खूबसूरत एवं आकर्षित जगह है। समुद्र तल से 2200 मीटर की ऊंचाई पर स्थित ताराकुंड अधिक ऊंचाई पर स्थित होने के कारण यहां के आसपास का नजारा काफी सुंदर लगता है। ताराकुंड खूबसूरत हिमालय की पहाड़ियों और घने जंगलों के बीच में बसा है। इस मनोरम स्थल में एक छोटी सी झील और बहुत पुराना मंदिर भी है, बताया जाता है कि स्वर्गारोहण के वक्त पांडव यहां आए थे और उन्होंने ही यह मंदिर बनाया था। ताराकुंड में स्थानीय निवासियों द्वारा तीज का त्योहार बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। खूबसूरत पहाड़ियों के बीच ताराकुंड में आकर मन को शांति मिलती है। ताराकुंड एडवेंचर के शौकीनों के लिए भी एक परफेक्ट जगह है, जहां आप रोमांचक ट्रैकिंग का आनंद ले सकते हैं।
ज्वालपा देवी मंदिर…….
पौड़ी से प्रसिद्ध ज्वालपा देवी मंदिर की दूरी 34 किमी है और यह पौड़ी-कोटद्वार मार्ग पर स्थित है। यह क्षेत्र प्रसिद्ध सिद्ध शक्ति पीठ माता दुर्गा को समर्पित है। ज्वालपा देवी मंदिर प्रमुख धार्मिक स्थानों में से एक है, हर साल यहां भारी संख्या में भक्तगण माता के दर्शन के लिए आते हैं। ज्वालपा देवी मंदिर में हर साल नवरात्रों के अवसर पर विशेष रूप से पूजा-अर्चना की जाती है। यहां पर संस्कृत विद्यालय भी है, जहां दूर-दूर से आने वाले विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण करते हैं। पौड़ी गढ़वाल की यात्रा के दौरान प्रसिद्ध ज्वाल्पा देवी मंदिर की यात्रा जरूर करें।
खिर्सू……..
पौड़ी से 19 किमी की दूरी पर स्थित खिर्सू पौड़ी के सबसे खूबसूरत जगहों में से एक है। खिर्सू पूरी तरह से प्रदूषण रहित जगह है और काफी शांतिपूर्ण स्थल है। खिर्सू से हिमालय की रेंज के दीदार होते हैं और यह जगह ओक, देवदार और सेब के बगीचों से गिरी हुई है। खिर्सू, पौड़ी से जुड़ा हुआ है एक पहाड़ी गांव है जो चारों तरफ से पहाड़ों से घिरा हुआ है। यही कारण है कि यह जगह भारी संख्या में पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है। खिर्सू में आपको चारों ओर हरियाली देखने को मिलेगी और साथ ही खूबसूरत हिमालय के दर्शन भी होंगे। पौड़ी यात्रा के दौरान इस खूबसूरत जगह में जाना ना भूलें।
क्यूंकालेश्वर महादेव मंदिर……
पौड़ी गढ़वाल में स्थित क्यूंकालेश्वर मंदिर आठवीं शताब्दी में निर्मित भगवान शिव का प्राचीन मंदिर है। यह मंदिर यहां के सबसे पवित्र मंदिरों में से एक है। क्यूंकालेश्वर मंदिर घने जंगल और हिमालय की सुंदर चोटियों के बीच में बसा है। क्यूंकालेश्वर मंदिर से हिमाछादित पर्वत श्रृंखलाओं के दृश्य देखने योग्य हैं। यह मंदिर ऐसी जगह पर है जहां से खूबसूरत नजारे देखने को मिलते हैं, इसलिए लोग यहां आना पसंद करते हैं। अगर आप पौड़ी आए तो क्यूंकालेश्वर मंदिर में जरूर जाएं।
रांसी स्टेडियम…..
पौड़ी से लगभग 4 किमी की दूरी पर स्थित रांसी स्टेडियम बहुत ही खूबसूरत स्टेडियम है। रांसी स्टेडियम उत्तराखंड राज्य के सबसे ऊंचाई पर स्थित स्टेडियम है और यह भी कहा जाता है कि यह स्टेडियम उत्तराखंड ही नहीं बल्कि पूरे एशिया का सबसे ऊंचाई पर स्थित स्टेडियम है। यहां से आपको कई ऊंची-ऊंची चोटियां दिखाई देती है, यहां आकर आप खूबसूरती का नजारा देख सकते हैं।
पर्यटकों के घूमने के लिए पौड़ी एक योग्य स्थान है। यहां की संस्कृति, लोकगीत और लोकनृत्य में पूरे उत्तराखंड में अपनी छाप छोड़ी है। पौड़ी में आपको पहाड़, जंगल और हरियाली तो देखने को मिलेगी ही इसके साथ ही यहां के खूबसूरत खेत, घर में काम करती महिलाएं, धूप सेकते लोग और उछल कूद करते छोटे-छोटे बच्चे भी नजर आएंगे। पौड़ी गढ़वाल की खूबसूरती सिर्फ ऊंचे-ऊंचे पहाड़ों से ही नहीं है, बल्कि पौड़ी को खूबसूरत बनाते हैं यहां के लोग।
चारों ओर हरे-भरे जंगलों से घिरा हुआ पौड़ी शहर की खूबसूरती का कोई जोड़ नहीं है। यही वजह है कि पौड़ी उत्तराखंड के खूबसूरत जगहों में से एक है। पौड़ी गढ़वाल जिले की सीमा उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल, रुद्रप्रयाग, चमोली, देहरादून, हरिद्वार, अल्मोड़ा, नैनीताल तथा उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले की सीमा से मिली हुई है। इस मनोरम स्थल से हिमशिखर के सुंदर नजारे पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करते हैं। भागदौड़ भरी जिंदगी से वीकेंड पर आने के लिए पौड़ी अच्छी जगह है। अगर आप सुकून के पल बिताना चाहते हैं तो एक बार पौड़ी की यात्रा का प्लान जरूर करें।
कब जाएं…….
पौड़ी की यात्रा साल में कभी भी कर सकते हैं, यह जगह साल भर खूबसूरत लगती है। अगर आप पौड़ी में बर्फ से लदी पहाड़ियां देखना चाहते हैं तो सर्दियों में जाएं और अगर आप हरियाली देखना चाहते हैं तो गर्मियों का समय अच्छा रहेगा। पौड़ी आने के लिए सबसे अच्छा समय मार्च से दिसंबर तक का होता है। जब भी आप पौड़ी की यात्रा में आए तो मानसून को जरूर देखकर आएं क्योंकि बारिश में पहाड़ बहुत खूबसूरत लगते हैं।
कैसे पहुंचे……
पौड़ी गढ़वाल आने के लिए आप हवाई मार्ग, रेल मार्ग और सड़क मार्ग में से किसी का भी चयन कर सकते हैं।
हवाई मार्ग : अगर आपने पौड़ी की यात्रा के लिए हवाई मार्ग का चुनाव किया है तो आपको बता दें कि पौड़ी से निकटतम हवाई अड्डा जौलीग्रांट हवाई अड्डा देहरादून है। पौड़ी से जौलीग्रांट हवाई अड्डा की दूरी 155 किमी है। यहां से आप बस, टैक्सी या निजी वाहन से आसानी से पौड़ी पहुंच सकते हैं।
रेल मार्ग : अगर आपने पौड़ी की यात्रा के लिए रेल मार्ग का चुनाव किया है तो आपको बता दें कि यहां से निकटतम रेलवे स्टेशन कोटद्वार रेलवे स्टेशन है। पौड़ी से कोटद्वार रेलवे स्टेशन की दूरी 108 किलोमीटर है। यहां से आप बस या टैक्सी से आसानी से पौड़ी पहुंच सकते हैं।
सड़क मार्ग : पौड़ी गढ़वाल सड़क मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। सड़क मार्ग से आप पौड़ी आसानी से पहुंच सकते हैं।