उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित भीमताल शहर एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। भीमताल शहर समुद्र तल से 1370 मीटर की ऊंचाई पर बसा हुआ एक खूबसूरत शहर है। नैनीताल से 23 किमी की दूरी पर स्थित भीमताल, नैनीताल से भी अत्यधिक बड़ा ताल है। भीमताल अपनी खूबसूरत झील के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। नैनीताल की तरह इसके भी दो कोने हैं जिन्हें तल्लीताल और मल्लीताल कहते हैं।
नैनीताल के नजदीक होने के कारण की इसे काफी प्रसिद्धि हासिल है। पहाड़ी सुंदरता से सरोबार भीमताल शहर एक आरामदायक अवकाश बिताने के लिए आदर्श विकल्प है। पर्यटन के लिहाज से यहां पर हर तरह की सुख-सुविधा उपलब्ध है। नवविवाहित जोड़े शादी के बाद हनीमून के लिए यहां आना बेहद पसंद करते हैं। भीमताल एक त्रिभुजाकार झील है, जिसकी लम्बाई 1674 मीटर और चौड़ाई 447 मीटर है, जहां की खूबसूरती पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है।
भीमताल का इतिहास……..
उत्तराखंड स्थित भीमताल एक लेक सिटी है जो एक प्राचीन स्थान है, जिसका नाम महाभारत के सबसे बलशाली पात्र भीम के नाम पर पड़ा है। माना जाता है कि अज्ञातवास के दौरान जब पांडव इस क्षेत्र में आए थे, उस समय भीमताल के किनारे भीम ने भगवान शिव की तपस्या की थी। भीमताल के किनारे एक प्राचीन शिव मंदिर भीमताल महादेव मंदिर भी है।
इस मंदिर का निर्माण तब हुआ जब पांडव यहां आए थे, आज भी है यह मंदिर भीमेश्वर महादेव के मंदिर के रूप में पूजा और जाना जाता है। वर्तमान मंदिर का निर्माण 17वीं शताब्दी में चंद वंश के राजा बाज बहादुर और कुमाऊं के राजा द्वारा बनवाया गया था। भीमताल शहर नैनीताल से भी पुराना है, क्योंकि भीमताल का इतिहास काफी पुराना है। इस स्थान से गौला नदी निकलती है जो आगे हल्द्वानी से बहते हुए रामगंगा नदी में मिल जाती है।
नैनीताल की खोज होने से पहले लोग भीमताल को ही महत्व देते थे। यह भी कहा जाता है कि पांडु पुत्र भीम ने भूमि को खोदकर यहां पर विशाल ताल की खोज की थी। इस झील की भौगोलिक स्थिति और खूबसूरती को देख कश्मीर की डल झील की छवि सामने आती है। भीमताल लेक की वजह से ही यह पूरा इलाका जाना जाता है।
भीमताल के घूमने लायक और आकर्षण स्थल…..
भीमताल……
भीमताल झील भारत की सबसे प्रसिद्ध झीलों में से एक है और यह भीमताल का प्रमुख आकर्षण है। भीमताल भ्रमण की शुरुआत आप भीमताल झील से कर सकते हैं। भीमताल झील चारों तरफ से पहाड़ों और प्राकृतिक परिवेश से गिरी हुई है। भीमताल झील में आप विभिन्न प्रकार की मछली की प्रजातियों, मंदिरों को देख सकते हैं। भीमताल झील के बीचो-बीच एक द्वीप है जो एक पर्यटक आकर्षण के रूप में विकसित किया गया है और इसमें एक मछली घर भी है। यह झील पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय है और इसमें करने के लिए कई तरह की गतिविधियां हैं। भीमताल झील यहां की सबसे बड़ी झील है और पूरे कस्बे को पीने के पानी की आपूर्ति करती है। भीमताल झील में आप नौकायन का रोमांचक आनंद भी उठा सकते हैं। भीमताल झील का वातावरण इतना आकर्षक है कि आप यहां बार-बार आना चाहेंगे।
विक्टोरिया बांध……
विक्टोरिया बांध भीमताल झील के पास स्थित सबसे लुभावनी और आकर्षक जगहों में से एक है। भीमताल झील के किनारे में स्थित विक्टोरिया बांध के दोनों ओर फूलों के बाग स्थित है जो इसे बेहद खूबसूरत बनाते हैं। यह जगह सैलानियों को शांति और आराम करने का अनुभव कराता है, इसलिए सैलानी यहां आना पसंद करते हैं। विक्टोरिया बांध एक इको-फ्रेंडली जगह है जो अपने फूलों के बागानों के लिए काफी ज्यादा प्रसिद्ध है। 40 फीट ऊंचे विक्टोरिया बांध में बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं। हरे-भरे परिदृश्य के साथ यह स्थल काफी पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करता है। भीमताल भ्रमण के दौरान विक्टोरिया बांध की यात्रा जरूर करें।
भीमेश्वर महादेव मंदिर…..
भगवान शिव को समर्पित भीमेश्वर महादेव मंदिर यहां के सबसे प्रसिद्ध धार्मिक स्थानों में से एक है। पौराणिक किवदंतियों के अनुसार इस स्थल पर महाबली भीम का आगमन हुआ था, कहा जाता है कि जब यहां पहाड़ों पर भीम चढ़ रहे थे तो उन्हें एक आकाशवाणी सुनाई दी, उस आकाशवाणी में भीम से कहा गया कि अगर वह चाहते हैं कि आगे आने वाली पीढ़ी उन्हें जन्मों तक याद रखें तो उन्हें यहां एक शिव मंदिर का निर्माण करना पड़ेगा। इसके बाद भीम ने भीमताल झील के तट पर भीमेश्वर महादेव मंदिर का निर्माण किया। इसीलिए यहां महादेव के साथ भीम का भी नाम आता है। भीमेश्वर महादेव मंदिर भीम के द्वारा भगवान शिव को समर्पित एक प्राचीन मंदिर है।
हनुमान गढ़ी……..
हनुमान गढ़ी एक प्रसिद्ध मंदिर है जो 6401 फुट ऊंचाई पर स्थित है। भगवान हनुमान जी महाराज को समर्पित यह मंदिर नैनीताल -हल्द्वानी मार्ग पर स्थित है। इस मंदिर का निर्माण 1995 में एक स्थानीय संत बाबा नीम करोली द्वारा किया गया था। यहां पर आप भगवान हनुमान जी महाराज की मूर्ति को देख सकते हैं जिसमें वह अपनी छाती चीर के दिखा रहे हैं कि भगवान राम उनके दिल में बसते हैं। हनुमान गढ़ी मंदिर सूर्योदय और सूर्यास्त का एक सुंदर दृश्य पेश करता है, जो यहां पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। इस हनुमान मंदिर में मंगलवार और शनिवार को भक्तों की भारी भीड़ रहती है।
हिडिंबा पर्वत……..
भीमताल से 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हिडिंबा पर्वत एक खूबसूरत पहाड़ी है। कहां जाता है कि इस पहाड़ी का नाम महाभारत के भीम की पत्नी हिडिंबा के नाम पर पड़ा है। हिडिंबा पर्वत पर वर्तमान में एक भिक्षु और पर्यावरणविद के रूप में प्रसिद्ध वानखंडी महाराज इस पहाड़ी में रहते हैं। उन्होंने इस पहाड़ी के चारो ओर एक वन्यजीव अभयारण्य का निर्माण कर दिया है, इसलिए अब इस क्षेत्र को वानखंडी आश्रम के नाम से भी जाना जाता है। भीमताल यात्रा के दौरान हिडिंबा पर्वत का दौरा करना ना भूलें।
भीमताल द्वीप……
भीमताल झील से भीमताल द्वीप तक आप नाव की सवारी करके पहुंच सकते हैं। भीमताल झील के केंद्र में स्थित भीमताल द्वीप प्रमुख आकर्षण केंद्र है जहां पर एक मछली घर स्थित है। इस मछली घर में आप मेक्सिको, चीन और दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों की मछलियों को देख सकते हैं। इस द्वीप को पर्यटक आकर्षण के रूप में विकसित किया गया है। भीमताल भ्रमण के दौरान यहां की यात्रा जरूर करें।
कारकोटक मंदिर……
कारकोटक मंदिर यहां के प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में से एक है। कारकोटक मंदिर नागो के देवता नाग कारकोटक महाराजा को सम्पर्पित है। यह नाग देवता मंदिर पौराणिक है, कई भक्त ऋषि पंचमी के शुभ अवसर पर इस मंदिर में दर्शन करने आते हैं। धार्मिक और अतीत में दिलचस्पी रखने वालों के लिए यह स्थान काफी महत्व रखता है। मंदिर की भौगोलिक स्थिति काफी खास है, जहां आप आसपास फैली प्राकृतिक खूबसूरती का आनंद उठा सकते हैं। इसलिए यहां भारी संख्या में श्रद्धालुओं का आगमन होता है। भीमताल यात्रा के दौरान आप यहां की यात्रा कर सकते हैं।
भीमताल की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह सुंदर घाटी में और खिले हुए आंचल में स्थित है। इस साल के बीच में टापू ‘भीमताल फिश एक्वेरियम’ के रूप में इस्तेमाल होता है, जिससे इस ताल की शोभा और अत्यधिक बढ़ जाती है। टापू में पहुंचते ही समुद्र एवं झील की विभिन्न प्रजाति की मछलियां देखने को मिलती है। पर्यटक यहां सातताल की यात्रा भी कर सकते हैं जो सात झीलों के आपस में जुड़े हुए एक समूह के कारण प्रसिद्ध है। भीमताल से तीन किमी की दूरी पर स्थित सातताल में विभिन्न प्रकार की मछलियां और पक्षी देखने को मिलते हैं। भीमताल बहुत ही आकर्षक जगह है जो नैनीताल का एक ऑफबीट संस्करण है। अगर आप गर्मियों के बीच सुकून के पल प्रकृति के साथ बिताना चाहते हैं तो यहां की सैर का प्लान बना सकते हैं।
भीमताल घूमने के लिए सबसे अच्छा समय…..
भीमताल की यात्रा आप साल में कभी भी कर सकते हैं, लेकिन भीमताल जाने के लिए सबसे अच्छा समय गर्मियों का समय होता है। सर्दियों में यहां बहुत ठंड होती है, लेकिन यह समय बर्फ से ढके पहाड़ों और भीमताल का प्राचीन झीलों को देखने के लिए अच्छा समय है। इसलिए अगर आप भीमताल का पूरा आनंद लेना चाहते हैं तो मार्च से जून और सितंबर से दिसंबर के दौरान आप यहां की यात्रा कर सकते हैं। मानसून के दौरान भीमताल में भारी वर्षा होती है, इसलिए यात्रा करने के लिए बारिश का मौसम सही नहीं है। भीमताल की सैर के लिए गर्मियों का मौसम चुने, क्योंकि यह सबसे आदर्श समय है।
भीमताल कैसे पहुंचे……
भीमताल पहुंचने के लिए आप हवाई मार्ग, रेल मार्ग और सड़क मार्ग में से किसी का भी चयन कर सकते हैं।
हवाई मार्ग : अगर आप भीमताल की यात्रा हवाई मार्ग से करना चाहते हैं तो यहां से निकटतम हवाई अड्डा पंतनगर हवाई अड्डा है। भीमताल से पंतनगर हवाई अड्डा की दूरी लगभग 58 किलोमीटर है, यह हवाई अड्डा नियमित उड़ानों के माध्यम से दिल्ली से जुड़ा हुआ है। पंतनगर हवाई अड्डे से लगभग 2 घंटे का सफर करके आप बस या टैक्सी से आसानी से भीमताल पहुंच सकते हैं।
रेल मार्ग : अगर आप भीमताल की यात्रा रेल मार्ग द्वारा करना चाहते हैं तो यहां से निकटतम रेलवे स्टेशन काठगोदाम है। भीमताल से काठगोदाम रेलवे स्टेशन की दूरी लगभग 30 किलोमीटर है। यहां से रोजाना दिल्ली के लिए ट्रेनें चलती हैं। रेलवे स्टेशन पहुंचने के बाद टैक्सी किराए पर लेकर आसानी से भीमताल पहुंचा जा सकता है।
सड़क मार्ग : अगर आपने भीमताल की यात्रा के लिए सड़क मार्ग का चुनाव किया है तो यह जगह प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ी हुई है। भीमताल की यात्रा के लिए सड़क मार्ग सबसे अच्छा विकल्प है। प्रमुख शहरों से भीमताल पहुंचने के लिए आप बस और टैक्सियों की मदद ले सकते हैं।