• Any Questions? Call Us: +91 99711 97344
Uttarakhand Tour Packages | The Himalaya Travel
  • Home
  • धार्मिक स्थल
    • चारधाम यात्रा – 2021
  • डेस्टिनेशन
  • ट्रैकिंग व कैम्पिंग
  • उत्तराखंड पैकेज
  • Blog ( हिंदी में )
  • संपर्क करें
Menu

सिद्धबली मंदिर कोटद्वार (Sidhbali Dham Mandir, Kotdwar)

Homeउत्तराखंडसिद्धबली मंदिर कोटद्वार (Sidhbali Dham Mandir, Kotdwar)

उत्तराखंड कोटद्वार धार्मिक स्थल

सिद्धबली मंदिर कोटद्वार (Sidhbali Dham Mandir, Kotdwar)

By Thehimtravel
February 3, 2021
0 comments
2832
0

उत्तराखंड की भूमि देव भूमि के नाम से प्रसिद्ध है। यहां हजारों मंदिरों की अपनी-अपनी मान्यताएं हैं। ऐसे ही प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है कोटद्वार का श्री सिद्धबली मंदिर। श्री सिद्धबली मंदिर उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले के कोटद्वार में खो नदी के तट पर स्थित हनुमान जी महाराज का एक प्रसिद्ध मंदिर है। बता दें कि खो नदी के किनारे पर करीब 40 मीटर ऊंचे टीले पर यह मंदिर स्थित है। इस मंदिर की मान्यता इतनी है कि हर समय यहां पर जगह-जगह से आए भक्तों का जमावड़ा लगा रहता है।

उत्तराखंड के पौड़ी जिले के कोटद्वार में स्थित भव्य सिद्धबली मंदिर पौड़ी गढ़वाल का प्रसिद्ध देवस्थल है। हनुमान जी महाराज के दर्शन करने के लिए मंदिर की 150 से अधिक सीढ़ियों का सफर तय करने के बाद भक्त मंदिर में पहुंचते हैं। माना जाता है कि सिद्धबली मंदिर के द्वार से कभी कोई भक्त खाली हाथ नहीं लौटता है। यदि आपकी भी कोई इच्छा अधूरी है तो एक बार सिद्धबली मंदिर की यात्रा करने का ख्याल जरूर बनाएं।

श्री सिद्धबली मंदिर कोटद्वार बजरंगबली का एक प्राचीन सिद्धपीठ मंदिर है। सिद्धबली मंदिर की स्थापना के बारे में माना जाता है कि इस स्थान पर एक सिद्ध पुरुष को तपस्या करने के बाद हनुमान जी महाराज की सिद्धि प्राप्त हुई थी। माना जाता है कि उस सिद्ध पुरुष ने हनुमान जी महाराज की एक विशाल मूर्ति की स्थापना की थी। इसके बाद इस जगह का नाम सिद्धबली पड़ गया। यह भी कहा जाता है कि ब्रिटिश शासन काल के दौरान एक खान मुस्लिम अधिकारी अपने घोड़े से कहीं जा रहे थे, जैसे ही वह सिद्धबली के पास पहुंचे तो वह बेहोश होकर गिर गए। इसके बाद उनको स्वप्न हुआ कि सिद्धबली की समाधि पर मंदिर की स्थापना की जाए। इसके बाद जब वह होश में आए तो उन्होंने गांव के लोगों को अपने स्वप्न के बारे में बताया, इसके बाद गांव के लोगों ने मिलकर यहां मंदिर बनवाया।

कहा जाता है कि हनुमान जी संजीवनी बूटी लेने के लिए इसी रास्ते गए थे।

कोटद्वार शहर को गढ़वाल का प्रवेश द्वार भी कहा जाता है। कोटद्वार शहर से लगभग 3 किलोमीटर की दूरी पर राष्ट्रीय राजमार्ग कोटद्वार-पौड़ी पर यह प्रसिद्ध मंदिर स्थित है। पौराणिकता और शक्ति की महत्वता के कारण इसे भव्यता प्रदान कर दी है। राजमार्ग से मंदिर तक पहुंचने के लिए खो नदी पर पुल बना हुआ है, इस पुल को पार करने पर मंदिर का द्वार बना हुआ है, जहां से लोग दर्शन के लिए जाते हैं। मंदिर के द्वार के आसपास प्रसाद व चाय नाश्ते की दुकाने हैं। कुछ समय पहले ही मंदिर के पास एक धर्मशाला भी बनाई गई है। मंदिर के बाहर पार्किंग की भी व्यवस्था है।

यहां प्रतिवर्ष श्रद्धालुओं द्वारा मेले का भी आयोजन किया जाता है जिसमें सभी धर्मों के लोग भाग लेते हैं। यह मंदिर न केवल हिंदू-सिख धर्मावलंबियों का है अपितु मुसलमान भी यहां मन्नत मांगने आते हैं। मनोकामना पूर्ण होने पर श्रद्धालु दक्षिणा तो देते ही हैं, बल्कि यहां भंडारा भी आयोजित करते हैं। इस स्थान पर कई अन्य ऋषि-मुनियों का आगमन भी हुआ है। इन संतों में सीताराम बाबा, ब्रह्मलीन बाल ब्रह्मचारी नारायण बाबा एवं फलाहारी बाबा प्रमुख है।

सिद्धबली बाबा के मंदिर में भंडारा की परंपरा बहुत पहले से चली आ रही है। इसके अनुसार भक्त अपनी मनोकामना पूर्ण होने के उपरांत यहां भंडारा कराते हैं। सिद्धबली मंदिर में मंगलवार और रविवार के दिन भंडारे का आयोजन किया जाता है, कभी-कभी यहां बुधवार और शनिवार को भी भंडारा होता है। दरअसल यहां से कोई भक्त आज तक कभी खाली हाथ नहीं लौटा है। इसलिए भक्तों की संख्या इतनी ज्यादा है कि यहां होने वाले विशेष भंडारों की बुकिंग फिलहाल 2025 तक के लिए पूरी हो गई है।

खास बात यह है कि भारतीय डाक विभाग की ओर से साल 2008 में मंदिर के नाम एक डाक टिकट जारी किया गया था। इस मंदिर में प्रसाद के रूप में गुड़, बताशे और नारियल विशेष रूप से चढ़ाया जाता है। बता दे कि पहले यह मंदिर ज्यादा बड़ा नहीं था, मगर धीरे-धीरे श्रद्धालुओं के सहयोग से यह मंदिर भव्य हो गया है। सिद्धबली बाबा मंदिर भक्तों के दर्शन और पूजा अर्चना के लिए सुबह 5 बजे से दोपहर के 2 बजे तक खुला रहता है। सिद्धबली बाबा मंदिर में सुबह की आरती प्रातः 5 बजे और शाम की आरती 6:30 बजे होती है। सिद्धबली मंदिर के बरामंदे का नजारा बहुत आकर्षित और देखने लायक है। यहां जाकर आपको एक छोटी नदी प्रवाहित होते हुए दिखेगी और साथ ही कोटद्वार शहर का सुंदर नजारा देखने को मिलेगा। श्री सिद्धबली मंदिर लैंसडाउन हिल स्टेशन से लगभग 39 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। सिद्धबली मंदिर से कोई भी भक्त खाली हाथ नहीं लौटा है, इसलिए यदि आपकी कोई इच्छा अधूरी है तो यहां की यात्रा जरूर करें।

Tags Kotdwar Sidhbali Mandir Kotdwar

Share:

Popular Post

  • उत्तराखंड , कोटद्वार , धार्मिक स्थल
    सिद्धबली मंदिर कोटद्वार (Sidhbali Dham Mandir, Kotdwar)

    उत्तराखंड की भूमि देव भूमि के नाम से प्रसिद्ध है। यहां हजारों मंदिरों की अप...

  • 5-best-temple-destination-in-kotdwar
    उत्तराखंड , कोटद्वार , धार्मिक स्थल
    गढ़वाल के द्वार कोटद्वार के निकटतम 5 प्रसिद्ध मंदिर | The Himalaya Travel

    उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल के कोटद्वार में खो नदी के तट पर स्थित सिद्धबली मं...

  • pauri-garhwal
    उत्तराखंड
    पौड़ी गढ़वाल : खूबसूरती, संस्कृति और प्रकृति के रंगों का स्वर्ग……..

    पौड़ी गढ़वाल उत्तराखंड राज्य का एक खूबसूरत शहर है। हिमालय की वादियों से घिर...

  • Chenap-Valley-In-Uttarakhand
    उत्तराखंड
    चेनाप घाटी : उत्तराखंड में गुमनाम एक और फूलों की घाटी, जानिए कहां है……

    उत्तराखंड के चमोली जिले में कई पर्यटक स्थल अब भी गुमनामी के अंधेरे में हैं।...

Recent Posts

  • देवभूमि उत्तराखंड में स्थित है एक खूबसूरत Winter Trekking क्वारी पास ट्रैक
  • भीमताल : जहां है खूबसूरत झील और पवित्र नदियां, जानिये इसके बारे में
  • पौड़ी गढ़वाल : खूबसूरती, संस्कृति और प्रकृति के रंगों का स्वर्ग……..
  • हिमालय की गोद में खूबसूरत फूलों की घाटी, जानिए उसके बारे में
  • रुद्रनाथ मंदिर : धरती पर स्वर्ग से कम नहीं यह जगह……

The Himalaya Travel पर्यटन और रोमांच पर आधारित उत्तराखंड का बेस्ट टूर ऑपरेटर है, जो देवभूमि उत्तराखंड पर आधारित है। हम आपको उत्तराखंड में सबसे अच्छे टूर उचित मूल्य पर उपलब्ध कराएंगे, जिसमें हम आपको चारधाम यात्रा, तीर्थ यात्रा, मंदिर, वन्यजीव पर्यटन, पर्वतारोहण, ट्रैकिंग व कैंपिंग, स्कीइंग, और राफ्टिंग जैसे रोमांच के अवसर प्रदान करेंगे।

Recent Posts

  • देवभूमि उत्तराखंड में स्थित है एक खूबसूरत Winter Trekking क्वारी पास ट्रैक
  • भीमताल : जहां है खूबसूरत झील और पवित्र नदियां, जानिये इसके बारे में
  • पौड़ी गढ़वाल : खूबसूरती, संस्कृति और प्रकृति के रंगों का स्वर्ग……..
  • हिमालय की गोद में खूबसूरत फूलों की घाटी, जानिए उसके बारे में

Categories

  • उत्तराखंड
  • कोटद्वार
  • धार्मिक स्थल

Packages

  • कोटद्वार ( Kotdwar )
  • लैंसडौन ( Lansdowne )
  • ऋषिकेश ( Rishikesh )
  • बद्रीनाथ धाम ( Badrinath Dham – 2021 )
  • Home
  • चारधाम यात्रा – 2021
  • Contact

© 2021 - The Himalaya Travel.All Rights Reserved.Design by Vinit Uniyal

This site uses cookies. By continuing to browse the site, you are agreeing to our use of cookies.

CloseLearn MoreModal

Cookie and Privacy Settings

  • How we use cookies
  • Essential Website Cookies
  • Other external services
  • Privacy Policy
We may request cookies to be set on your device. We use cookies to let us know when you visit our websites, how you interact with us, to enrich your user experience, and to customize your relationship with our website.

Click on the different category headings to find out more. You can also change some of your preferences. Note that blocking some types of cookies may impact your experience on our websites and the services we are able to offer.
These cookies are strictly necessary to provide you with services available through our website and to use some of its features.

Because these cookies are strictly necessary to deliver the website, you cannot refuse them without impacting how our site functions. You can block or delete them by changing your browser settings and force blocking all cookies on this website.
We also use different external services like Google Webfonts, Google Maps and external Video providers. Since these providers may collect personal data like your IP address we allow you to block them here. Please be aware that this might heavily reduce the functionality and appearance of our site. Changes will take effect once you reload the page.

Google Webfont Settings:
Google Map Settings:
Vimeo and Youtube video embeds:
You can read about our cookies and privacy settings in detail on our Privacy Policy Page.