Description
हरिद्वार उत्तराखंड में स्थित भारत के सात सबसे पवित्र तीर्थ स्थलों में से एक है। पवित्र गंगा नदी के किनारे बसे हरिद्वार का शाब्दिक अर्थ है ‘हरि तक पहुंचने का द्वार’। हरिद्वार को ‘धर्म की नगरी’ माना जाता है, सैकड़ों वर्षो से लोग मोक्ष की तलाश में इस पवित्र भूमि में आते रहे हैं। गंगा में डुबकी लगाने और अपने पापों का नाश करने के लिए वर्ष भर श्रद्धालुओं का आना जाना यहां लगा रहता है। हरिद्वार उत्तराखंड के चार पवित्र चारधाम यात्रा का प्रवेश द्वार भी है। हरिद्वार में हर की पौड़ी को ब्रह्मकुंड कहा जाता है, इसी विश्व प्रसिद्ध घाट पर कुंभ का मेला लगता है। कहा जाता है कि पौराणिक समय में समुद्र मंथन से प्राप्त किया अमृत हरिद्वार में गिरा था। इसी कारण हरिद्वार में कुंभ का मेला आयोजित किया जाता है। गंगा नदी पहाड़ी इलाकों को पीछे छोड़ती हुई हरिद्वार से ही मैदानी क्षेत्र में प्रवेश करती है।
हरिद्वार उत्तराखंड का प्रसिद्ध धार्मिक नगर है। यह नगर हिंदुओं की धार्मिक आस्था का प्रमुख केंद्र है। संपूर्ण हरिद्वार में सिद्धपीठ, शक्तिपीठ और अनेक नए पुराने मंदिर बने हुए हैं। महाभारत के समय में हरिद्वार को ‘गंगाद्वार’ नाम से व्यक्त किया गया है। हरिद्वार का प्राचीन पौराणिक नाम ‘माया’ या ‘मायापुरी’ है, जिसकी सप्त मोक्षदायिनी पुरियों में गणना की जाती थी। हरिद्वार का एक भाग आज भी मायापुरी के नाम से प्रसिद्ध है। गंगा के उत्तरी भाग में बसे हुए ‘बद्रीनारायण’ तथा ‘ केदारनाथ’ नामक भगवान विष्णु और शिव के पवित्र तीर्थों के लिए इसी स्थान से आगे मार्ग जाता है। इसलिए इसे ‘हरिद्वार’ तथा ‘ ‘हरद्वार’ दोनों ही नामों से पुकारा जाता है, वास्तव में इसका नाम ‘गेटवे ऑफ द गॉड्स’ है। यह पवित्र शहर भारत की जटिल संस्कृति और प्राचीन सभ्यता का खजाना है। कहा जाता है कि इस स्थान पर ऋषि कपिल मुनि ने तपस्या की थी, इसलिए हरिद्वार को ‘कपिलास्थान’ नाम से संबोधित किया जाता है।
यदि आप हरिद्वार की यात्रा पर जाने का प्लान बना रहे हैं तो जानते हैं हरिद्वार में घूमने और देखने की जगह कौन-कौन सी है।
– हर की पौड़ी
– मनसा देवी मंदिर
– सप्त ऋषि आश्रम
– चिल्ला वन्यजीव अभ्यारणय
– भारत माता मंदिर
– चंडी देवी मंदिर
– दक्ष महादेव मंदिर
– पिकनिक स्पॉट क्रिस्टल वर्ल्ड
– पतंजलि योगपीठ
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