नैनीताल (Nainital)

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उत्तराखंड राज्य के कुमाऊं क्षेत्र में खूबसूरत वादियों में बसा नैनीताल एक लोकप्रिय टूरिस्ट डेस्टिनेशन रहा है। कुमाऊं क्षेत्र में नैनीताल जिले का विशेष महत्व है, देश के प्रमुख क्षेत्रों में नैनीताल की गणना होती है। यहां के ऊंचे और खूबसूरत पहाड़, मंदिर, झीलें और चारों तरफ फैली हरियाली आपको नैनीताल का दीवाना बना देंगी। […]

उत्तराखंड राज्य के कुमाऊं क्षेत्र में खूबसूरत वादियों में बसा नैनीताल एक लोकप्रिय टूरिस्ट डेस्टिनेशन रहा है। कुमाऊं क्षेत्र में नैनीताल जिले का विशेष महत्व है, देश के प्रमुख क्षेत्रों में नैनीताल की गणना होती है। यहां के ऊंचे और खूबसूरत पहाड़, मंदिर, झीलें और चारों तरफ फैली हरियाली आपको नैनीताल का दीवाना बना देंगी। समुद्र तल से नैनीताल की ऊंचाई लगभग 1938 मीटर है।

अगर आप शहर के शोर-शराबे से ही परेशान हो चुके हैं तो मन की शांति के लिए नैनीताल आपके लिए बेस्ट ऑप्शन है। कुमाऊं क्षेत्र का मुख्य पर्यटन स्थल नैनीताल को झीलों का शहर भी कहा जाता है। नैनीताल एक हनीमून डेस्टिनेशन की है, बड़ी संख्या में लोग यहां अपना हनीमून सेलिब्रेट करने आते हैं। दोस्तों और फैमिली के साथ घूमने के लिए नैनीताल एक रोमांचक जगह है, यहां हर साल दुनिया के हर कोने से काफी संख्या में पर्यटक आते हैं। आइए जानते हैं नैनीताल की कुछ ऐसी जगहों के बारे में जहां आप जरूर जाना चाहेंगे…

नैनी झील

नैनीताल के दिल में बसी है खूबसूरत नैनी झील। नैनी झील में आसपास के सारे पहाड़ों का रिफ्लेक्शन पड़ता है जिससे इसका पानी बिल्कुल हरा दिखता है और यह दृश्य काफी मनोरम लगता है। अपने खूबसूरत नज़ारों के लिए मशहूर नैनी झील लोगों के बीच पिकनिक का बहुत प्रचलित स्थान है जहाँ बैठकर आप ढलते सूरज की विलुप्त होती लालिमा को देख पाऐंगे। आप झील के पास स्थित नैना देवी मंदिर के दर्शन करके मन को और अधिक शांति भी प्रदान कर सकते हैं। इस झील में आप बोटिंग का भी लुत्फ उठा सकते हैं,इससे आप झील की खूबसूरती को करीब से महसूस कर पाएंगे।

मॉल रोड

झील के एक ओर स्थित है माल रोड‍ जिसे अब गोविंद बल्‍लभ पंत मार्ग कहा जाता है। यहां बहुत सारे होटल, रेस्‍टोरेंट, ट्रैवल एजेंसी, दुकानें और बैंक हैं। सभी पर्यटकों के लिए यह रोड आकर्षण का केंद्र है। यहाँ आपको हर वक्त चहल-पहल का माहौल देखने को मिलेगा। उत्तराखण्डी संस्कृति व पारंपरिक स्वादिष्ट खाने का मिश्रण आपको यहाँ देखने को मिलेगा। माल रोड मल्‍लीताल और तल्‍लीताल को जोड़ने वाला मुख्‍य रास्‍ता है।

स्नो व्यू पॉइन्ट

नैनीताल में स्नो व्यू पॉइंट समुद्र तल से 2270 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और यह क्षेत्र के सबसे आकर्षक पर्यटन स्थलों में से एक है। स्नो व्यू प्वाइंट आपको दूध जैसी सफेद बर्फ के एक कंबल में लिपटी शक्तिशाली हिमालय के मनोरम दृश्य प्रस्तुत करता है। सभी तीन महत्वपूर्ण चोटियों- नंदा देवी, त्रिशूल और नंदा कोट की चोटियों को इस बिंदु से एक साथ देखा जा सकता है। स्नो व्यू पॉइंट पर दूरबीन की मदद से आप हिमालयन रेंज और इसकी जादुई चोटियों को करीब से देख सकेंगे।

टिफिन टॉप

टिफिन टॉप नैनीताल में एक बहुत प्रसिद्ध पर्यटक आकर्षण है। इस स्थान से कुमाऊं क्षेत्र में नैनीताल शहर और इसके आसपास की पहाड़ियों का एक पूरा दृश्य दिखाई देता है। इसके चारों तरफ चीड़, ओक व देवदार से घिरा यह स्थल आपको खुशनुमा व शांति के वातावरण से रूबरू करवाएगा। प्रकृति की सुंदरता से प्यार करने वालों को इस वेकेशन स्पॉट पर जाने से नहीं चूकना चाहिए। रेपलिंग और रॉक क्लाइम्बिंग जैसी साहसिक गतिविधियाँ टिफिन टॉप में भी आयोजित की जाती हैं।

नैना पीक

नैना पीक, जिसे चाइना पीक भी कहा जाता है, नैनीताल की सबसे ऊंची चोटी है। 2615 मीटर की ऊँचाई के साथ यह नैनीताल की सबसे ऊँची चोटी है जो,सैलानियों के बीच आकर्षण का केंद्र है। हाईकरों और ट्रैकरों के बीच यह स्थान बहुत प्रसिद्ध है। आप यहाँ अपने मित्रों के साथ या अपने साथी के साथ एक अच्छी छुट्टियाँ मना सकते है। यहां घुड़सवारी करके पहुंचा जा सकता है।सूर्योदय व सूर्यास्त के खूबसूरत नज़ारें देखने के लिए लोग यहाँ अकसर आते हैं।

नैना देवी मंदिर

नैना देवी मंदिर एक पवित्र स्थल है जो नैनी झील के उत्तरी किनारे पर स्थित है। यह मंदिर पूरे देश में हिंदू पूजा के सबसे प्रसिद्ध स्थानों में से एक है। यहां सती के शक्ति रूप की पूजा की जाती है। माना जाता है कि जब शिव सती की मृत देह को लेकर कैलाश पर्वत जा रहे थे, तब जहां-जहां उनके शरीर के अंग गिरे वहां-वहां शक्तिपीठों की स्‍थापना हुई। कहा जाता है कि इस जगह देवी सती के नेत्र गिरे थे ,इसी से प्रेरित होकर इस मंदिर की स्‍थापना की गई है। इसलिए इस मंदिर का नाम नैना देवी रखा गया। मंदिर में दो नेत्र हैं जो नैना देवी को दर्शाते हैं।

जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क

जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क उन वन्य जीव प्रेमियों के लिए स्वर्ग है, जो प्रकृति की शांत गोद में आराम करना चाहते हैं। यह राष्ट्रीय उद्यान विशाल हिमालय की तलहटी में स्थित है और अपने हरे भरे वातावरण के लिए जाना जाता है। भारत जंगली बाघों की सबसे अधिक आबादी के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्द है और जिम कॉर्बेट पार्क लगभग 160 बाघों का आवास है। यह रामगंगा नदी के किनारे स्थित है और यहाँ के आकर्षक पर्यटन स्थलों का भ्रमण करने तथा साहसिक सफ़ारी के लिए पर्यटक यहाँ आते हैं। अगर आप अक्टूबर से फरवरी के दौरान यहाँ आते हैं तो आपको यहाँ कुछ अनदेखे पक्षी देखने को मिलेंगे जो आप यहाँ के अलावा और कहीं नहीं देख पाऐंगे। यहाँ पर शेर, हाथी, भालू, बाघ, सुअर, हिरण, चीतल, साँभर, पाण्डा, काकड़, नीलगाय और चीता आदि ‘वन्य प्राणी’ अधिक संख्या में मिलते हैं। इसी प्रकार इस वन में अजगर तथा कई प्रकार के साँप भी निवास करते हैं।

पं.बल्लभ पंत ज़ू

यह चिड़ियाघर पर्यटकों को अपनी और लुभाता है। यहाँ काला चीता, बाघ, भालू, हिरन, जंगली बिल्ली ,तेंदुआ, पहाड़ी लोमड़ी, भेड़िए आदि जानवर देखे जा सकते हैं। 2100 मीटर की दूरी में फैला यह स्थान लंबे-लंबे घने पेड़ पशु-पक्षियों को रहने में सहायता करते हैं। इसके आस-पास का नज़ारा बेहद खूबसूरत दिखाई देता है।

सातताल

नैनीताल में 7 तालों की खूबसूरत जगह को `सातताल` के नाम से जानते हैं। यह सातताल नैनीताल से तक़रीबन 23 किमी की दूरी पर है। यहां का नज़ारा देखने में बहुत ही खूबसूरत लगता है, जहां आप झील में विचरण करते बत्तखों को भी देख पाएंगे।

इको केव गार्डन

प्रसिद्ध इको गार्डन विभिन्न जानवरों के आकार में छह छोटी गुफाओं का एक समूह है, झूलते बगीचों एवं संगीतमय फव्वारों के लिए यह प्रसिद्ध है। यहां पर जलते लैंप आप को अपनी ओर आकर्षित करेंगे, यहां की प्रचलित गुफाएं हैं – टाइगर केव, पैंथर केव, बैट केव, एेप्स केव और फ्लाइंग केव। शाम को आप विभिन्न ऑडियो-वीडियो इफैक्ट्स के साथ म्यूजिकल फाउंटेन का मजा ले सकते हैं।

नैनीताल शहर देशभर के पर्यटकों को साल भर अपनी ओर आकर्षित करता है। नैनीताल घूमने का सबसे अच्छा समय मार्च से जून तक का है, वहीं बर्फ देखने वाले लोगों के लिए नवंबर से फरवरी तक की यात्रा की योजना बनाई जा सकती है।

नैनीताल की यात्रा आप सड़क मार्ग के जरिए कर सकते हैं। बात करें रेलवे मार्ग की तो नैनीताल से निकटतम रेलवे स्टेशन काठगोदाम है जो लगभग 35 किमी है, वहीं हवाई संपर्क के रूप में, निकटतम हवाई अड्डा लगभग 65 किमी दूर पंतनगर में है।

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