मसूरी ( Mussoorie )

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मसूरी उत्तराखंड राज्य के टिहरी जिले में स्थित एक लोकप्रिय हिल स्टेशन है। मसूरी उत्तराखंड राज्य का एक पर्वतीय नगर है, जिसे पहाड़ों की रानी भी कहा जाता है। देहरादून से लगभग 35 किमी की दूरी पर स्थित, मसूरी उन स्थानों में से एक है जहां लोग बार-बार आते जाते हैं। समुद्र तट से 7000 […]

मसूरी उत्तराखंड राज्य के टिहरी जिले में स्थित एक लोकप्रिय हिल स्टेशन है। मसूरी उत्तराखंड राज्य का एक पर्वतीय नगर है, जिसे पहाड़ों की रानी भी कहा जाता है। देहरादून से लगभग 35 किमी की दूरी पर स्थित, मसूरी उन स्थानों में से एक है जहां लोग बार-बार आते जाते हैं। समुद्र तट से 7000 फुट की ऊंचाई पर बसा हुआ यह सुंदर शहर है। यहां किसी भी समय बारिश का मौसम बन जाता है। मसूरी के एक ओर से गंगा नजर आती है तो दूसरी ओर से यमुना नदी। वैसे तो यहां पूरे साल मौसम सुहावना रहता है, लेकिन अप्रैल से जून और सितंबर से नवंबर के बीच आने वालों को और भी अच्छा मौसम मिलता है।

मसूरी को यमुनोत्री और गंगोत्री धार्मिक केंद्रों के प्रवेश द्वार के रूप में भी जाना जाता है। देहरादून में पाई जाने वाली वनस्पति और जीव-जंतु इसके आकर्षण को और भी बढ़ा देते हैं। दूरदराज से लोगों के लिए यह लोकप्रिय ग्रीष्मकालीन पर्यटन स्थल है।

पर्यटकों के लिए मसूरी सबसे पसंदीदा जगहों में से एक है। यहां की पतली घुमावदार सड़कें, दूर नजर आते बर्फ से ढके सफेद पहाड़, ऊंची नीची पहाड़ियां, हरे भरे पेड़ देखकर हर कोई रोमांचित हो जाता है। इसलिए मसूरी लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। यदि आप हिमालय की बर्फ से ढकी चोटियों के साथ हरे भरे ढलानों के खूबसूरत नजारों का आनंद लेना चाहते हैं तो मसूरी जाना सबसे अच्छा विकल्प है।

आइए जानते हैं पर्वतों की रानी कहे जाने वाली मसूरी के मशहूर पर्यटन स्थलों के बारे में

माल रोड :- मसूरी में माल रोड घूमने और खरीदारी करने के लिए सबसे अच्छी जगह है। यहां के अधिकांश प्रसिद्ध स्टोर सभी यहां स्थित है।

कैम्पटी फाल :- मसूरी से 15 किमी यमुनोत्री रोड पर कैम्पटी फॉल सबसे ऊंचा और बड़ा झरना है, जो चारों ओर से ऊंचे पहाड़ों से घिरा है। मसूरी आने वाले सैलानी इस झरने को देखने के लिए जरूर आते हैं।

गन हिल :- माल रोड आने वाले सैलानी गन हिल पहाड़ी देखने के लिए जरूर जाते हैं। गन हिल से हिमालय पर्वत श्रृंखला की कई ऊंची चोटिया देखने को मिलती है। यहां पैदल रास्ते भी पहुंचा जा सकता है और रोप-वे की सुविधा भी है। इसकी सैर में जो रोमांच है वह अविस्मरणीय है, इसका आनंद जरूर लें।

म्यूनिसिपल गार्डन :- म्युनिसिपल गार्डन भी देखने लायक है। यहां एक छोटी सी कृत्रिम झील का निर्माण कराया गया है। विभिन्न प्रकार के फूलों से सुसज्जित गार्डन लोगों के आकर्षण का केंद्र बना रहता है।

तिब्बती मंदिर :- बौद्ध सभ्यता के बारे में बताता यह मंदिर निश्चय ही पर्यटकों का मन मोह लेता है। इस मंदिर के पीछे की तरफ कुछ ड्रम लगे हुए हैं, जिनके बारे में मान्यता है कि इन्हें घुमाने से मनोकामना पूर्ण होती है।

चाइल्डर्स लॉज :- लाल टिब्बा के निकट यह मसूरी की सबसे ऊंची चोटी है, यहां तक घोड़े पर या पैदल पहुंचा जा सकता है। यहां से बर्फ के दृश्य देखना बहुत रोमांचक लगता है।

भट्टा फॉल :- भट्टा फॉल मसूरी देहरादून रोड पर मसूरी से 7 किमी की दूरी पर स्थित है। स्नान और पिकनिक के लिए यह बहुत अच्छी जगह है।

नाग देवता मंदिर :- कार्ट मेकेंजी रोड पर स्थित यह प्राचीन मंदिर मसूरी से लगभग 6 किमी दूर है। वाहन ठीक मंदिर तक जा सकते हैं। यहां से मसूरी के साथ-साथ दून-घाटी का सुंदर दृश्य दिखाई देता है।

सर जॉर्ज एवरेस्ट हाउस :- मसूरी से 6 किमी की दूरी पर भारत के प्रथम सर्वेयर जनरल सर जॉर्ज एवरेस्ट की दि पार्क एस्टेट है, उनका आवास और कार्यालय यहीं था, यहां सड़क मार्ग से पहुंचा जा सकता है। विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट का नाम इन्हीं के नाम पर रखा गया है।

ज्वालाजी मंदिर (बेनोग हिल)
मसूरी से 9 किमी पश्चिम में ज्वालाजी मंदिर स्थित है। यह बेनोग हिल की चोटी पर बना है, जहां माता दुर्गा की पूजा होती है। मंदिर के चारों ओर घना जंगल है, जहां से हिमालय की चोटियों, दून घाटी और यमुना घाटी के सुंदर दृश्य दिखाई देते हैं।

गांधी चौक :- गांधी चौक मार्केट सड़क के किनारे लगी दुकानों के लिए खासा लोकप्रिय है। यहां पर आप स्थानीय कलाकृतियों, उत्पादों के साथ चीनी गुलदस्ते भी खरीद सकते हैं।

मसूरी के आसपास के स्थल

धनोल्टी
मसूरी से लगभग 25 किमी दूर मसूरी-टिहरी रोड पर स्थित है धनोल्टी। मार्ग में, चीड़ और देवदार के जंगलों के बीच बुरानखांडा से हिमालय का शानदार दृश्य देखा जा सकता है। सप्तांहत में आराम करने के लिए धनोल्टी एक आद्रश स्थान है। यहां टूरिस्ट-बंगलो उपलब्ध हैं।

सुरखंडा देवी
यह स्थान मसूरी-टिहरी रोड पर मसूरी से लगभग 33 किमी दूर और धनोल्टी से 8 किमी दूर स्थित है। पर्यटक बस या कार द्वारा कड्डु खल (देवास -थाली) तक जा सकते हैं, जहां से आगे 2 किमी पैदल चलकर यहां पहुंचा जा सकता है। यह मंदिर समुद्र तल से 10,000 फुट की ऊंचाई पर स्थित है, यहां से हिमालय का सुंदर दृश्य दिखाई देता है। यहां की यात्रा का अनुभव भूला नहीं जा सकता।

चंबा (टिहरी)
धनोल्टी से लगभग 31 किमी दूर है। यहां तक यात्रा बहुत शानदार है क्योंकि सड़क फलों के बागानों से होकर गुजरती है। सीजन के दौरान, पूरे मार्ग पर सेब बहुतायत में मिलते हैं। बसंत के मौसम में, फलों से लदे वृक्षों को कैमरे में कैद किया जा सकता है, क्योंकि अपने पूरे शबाब के समय इन्हें देखना आंखों को सुखद लगता है। पृष्ठभूमि में शानदार हिमालय दिखाई देता है।

लाखा मंडल
कैम्पटी फाल से गुजरने पर मसूरी -यमुनोत्री रोड पर 75 किमी दूर है लाखा-मंडल। कुवा तक 71 किमी की सड़क यात्रा के बाद यमुना नदी को सड़क-पुल से पार करना पड़ता है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा यहां पुरातत्व महत्व की सैंकड़ो मूर्तियां रखी गई हैं। कहा जाता है कि कौरवों ने यहां लाख का महल बनाया था और यहां पांडवों को जिंदा जलाने का षडयंत्र रचा था।

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