चोपता ( Chopta )

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चोपता, उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में गोपेश्वर-उखीमठ रोड एवं गोपेश्वर से लगभग 40 किमी की दूरी पर स्थित है। 2900 मीटर की ऊंचाई पर स्थित चोपता पूरे गढ़वाल क्षेत्र में सबसे खूबसूरत जगहों में से एक है। यह हिमालय पर्वत माला और आसपास के क्षेत्रों का एक लुभावना दृश्य प्रदान करता है। यहां आकर मन […]

चोपता, उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में गोपेश्वर-उखीमठ रोड एवं गोपेश्वर से लगभग 40 किमी की दूरी पर स्थित है। 2900 मीटर की ऊंचाई पर स्थित चोपता पूरे गढ़वाल क्षेत्र में सबसे खूबसूरत जगहों में से एक है। यह हिमालय पर्वत माला और आसपास के क्षेत्रों का एक लुभावना दृश्य प्रदान करता है। यहां आकर मन को आत्मिक और मानसिक शांति मिलती है। चोपता अपनी तरोताजा कर देने वाली आबोहवा और खूबसूरत नजारों के लिए जाना जाता है।

प्रकृति के खूबसूरत नजारे यहां करीब से देखे जा सकते हैं। अगर आप इस दौरान रोमांचक अनुभव लेने के लिए किसी पहाड़ी स्थल की खोज मे हैं, तो उत्तराखंड के चोपता आ सकते हैं। एक प्रकृति प्रेमी से लेकर रोमांच के शौकीनों के लिए यहां बहुत कुछ उपलब्ध है। चोपता, पहाड़ी जंगलों से घिरा केदारनाथ वन्यजीव अभयारण्य का एक हिस्सा है, जो विश्व भर के ट्रेकर्स के मध्य काफी ज्यादा लोकप्रिय है। यहां से आप नंदा देवी, त्रिशूल और चौखंबा चोटियों को आसानी से देख सकते हैं। खासकर यहां ट्रैवलर, ट्रेकिंग के लिए ज्यादा आते हैं। चोपता भ्रमण के दौरान आप इन जगहों का आनंद ले सकते हैं।

तुंगनाथ ( Tungnath )

चोपता भ्रमण की शुरुआत आप तुंगनाथ पर्वत पर स्थित प्रसिद्ध तुंगनाथ मंदिर से कर सकते हैं, जो 3460 मीटर की ऊंचाई पर बना हुआ है और पंच केदारों में सबसे ऊंचाई पर स्थित है। यह मंदिर हजारों वर्ष पुराना माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण पांडवों द्वारा भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए किया गया था, जो कुरुक्षेत्र में हुए नरसंहार के कारण पांडवों से रुष्ट थे। यहां भगवान शिव की पंच केदारों में से एक के रूप में पूजा होती है। यहां दर्शन के लिए विश्वभर से पर्यटकों का आगमन होता है। चोपता की यात्रा को आप तुंगनाथ मंदिर में दर्शन करके शुरू कर सकते हैं।

देवरिया ताल ( Deoria Taal )

चोपता का भ्रमण करते हुए आप शानदार झीलों का प्लान भी बना सकते हैं, अपनी यात्रा के दौरान आप देवरिया ताल का रुख कर सकते हैं। यह झील खूबसूरत प्राकृतिक नजारों से घिरी हुई है, जहां आप थोड़ी देर बैठ कर मन की शांति का अनुभव प्राप्त कर सकते हैं। समुद्र तल से 2438 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह झील अपनी प्राकृतिक सौंदर्यता बिखेरते हुए सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करती है। झील के खूबसूरत नजारों का आनंद उठाने के साथ-साथ आप यहां ट्रैकिंग का अनुभव भी ले सकते हैं। इसका साफ पानी और यहां से दिखते चौखंबा चोटी के शानदार दृश्य सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। चोपता की यात्रा के दौरान आप यहां आकर एक शानदार अनुभव लें सकते हैं।

दुग्गलबिट्टा ( Dugalbitta )

चोपता का भ्रमण करते हुए आप दुग्गल बिट्टा स्थल की यात्रा का प्लान बना सकते हैं। 2600 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह स्थल भारी संख्या में सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करता है। दुग्गल बिट्टा वह स्थान है जहां चोपता या चार धाम यात्रा पर निकले यात्रि रुकते हैं, यह स्थल यात्रियों के लिए एक हॉल्ट के रूप में काम करता है। दरअसल, दुग्गल बिट्टा का अर्थ होता है दो पहाड़ी के बीच का स्थान। यह स्थल चारों ओर से प्राकृतिक खूबसूरती से भरा हुआ है, जहां आप सुकून भरा समय बिता सकते हैं। यहां से दिखने वाली पहाड़ियां सैलानियों को काफी ज्यादा रोमांचित करती है। दुग्गलबिट्टा, केदारनाथ वन्य जीव अभयारण्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। आप अपनी यात्रा के दौरान इस खूबसूरत स्थल का अनुभव कर सकते हैं।

कालीमठ ( Kalimath )

चोपता के आसपास धार्मिक स्थलों की श्रृंखला में आप कालीमठ के दर्शन कर सकते हैं। सरस्वती नदी के तट पर स्थित यह मंदिर रुद्रप्रयाग जिले के प्रसिद्ध मंदिरों में गिना जाता है, जहां रोजाना दूर-दराज से श्रद्धालुओं का आगमन लगा रहता है। लगभग 1800 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह मंदिर भारत में 108 शक्तिपीठों में से एक है। पहाड़ों और प्राकृतिक खूबसूरती से घिरा यह मंदिर मां काली को समर्पित है।

चंद्रशिला ट्रेक ( Chandar Shila Trek )

आप अपनी चोपता यात्रा के दौरान चंद्रशिला ट्रेक का आनंद उठा सकते हैं, जो लगभग 1.5 किमी का है। यह ट्रैक तुंगनाथ मंदिर से शुरू होता है। चंद्रशिला समुद्र तल से लगभग 13000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यहां से आप ग्रेट हिमालय के शानदार दृश्यों का आनंद उठा सकते हैं। यहां स्थित चंद्रनाथ पर्वत अपनी रोमांचक ट्रैकिंग रूट के लिए जाना जाता है। चंद्रशिला का बेस कैंप चोपता में है। देशभर से यहां सैलानी एडवेंचर और प्रकृति का अनुभव लेने आते हैं। चंद्रशिला ट्रैक लोगों में काफी पसंदीदा और प्रसिद्ध ट्रेक है, जहां आप साल की किसी भी महीने आ सकते हैं।

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