अल्मोड़ा ( Almora )
अल्मोड़ा उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल का एक जिला है जो कि एक शानदार हिल स्टेशन है। अल्मोड़ा की आकर्षक सुंदरता, हिमालय का दृश्य, पहाड़ों की वादियां पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है। यह हिल स्टेशन घोड़े के पैरों की नाल के आकार के रूप में बना हुआ है। अल्मोड़ा हिल स्टेशन समुद्र तल से […]
अल्मोड़ा उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल का एक जिला है जो कि एक शानदार हिल स्टेशन है। अल्मोड़ा की आकर्षक सुंदरता, हिमालय का दृश्य, पहाड़ों की वादियां पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है। यह हिल स्टेशन घोड़े के पैरों की नाल के आकार के रूप में बना हुआ है। अल्मोड़ा हिल स्टेशन समुद्र तल से 1638 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। अल्मोड़ा भारत में कुछ बेहतरीन हस्तशिल्प और सजावटी वस्तुओं के संग्रह के लिए भी प्रसिद्ध है, इसके साथ ही अल्मोड़ा खाने के अलग-अलग व्यंजनों के लिए भी प्रसिद्ध है।
एक कथा के अनुसार यह कहा जाता है कि अल्मोड़ा की कौशिका देवी ने शुंभ और निशुंभ नामक दानवों को इसी क्षेत्र में मारा था। अल्मोड़ा, कुमाऊं राज्य पर शासन करने वाले चंदवंशीय राजाओं की राजधानी थी। यह स्थान नोबेल पुरस्कार
विजेता सर रोनाल्ड रॉस का जन्मस्थान है , जो कि मलेरिया के प्रसार के संबंध में अपने काम के लिए प्रसिद्ध है। आज, अल्मोड़ा शहर व्यापार, सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक जैसे गतिविधियों के लिए एक केंद्र बन गया है। शिक्षा , कला , संस्कृति के उत्थान में अल्मोड़ा का विशेष हाथ रहा है और स्वतंत्रता की लडाई में भी अल्मोड़ा का विशेष योगदान रहा है |
अल्मोड़ा नगर अपनी ऐतिहासिक विरासत के साथ-साथ प्राकृतिक सुंदरता के लिए भी प्रसिद्ध है। पर्यटकों, प्रकृति प्रेमियों और पर्वतारोहियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए अल्मोड़ा आज का सर्वोत्तम नगर है। यहां के ऊनी वस्त्र देशभर में प्रसिद्ध है। यहां अच्छे होटल, रेस्टोरेंट, होमस्टे, सर्किट हाउस आदि कई ऐसी जगह है जहां रहने की सुंदर व्यवस्था है। आइए जानते हैं अल्मोड़ा शहर के आसपास खूबसूरत पर्यटन स्थल के बारे में:-
जागेश्वर मंदिर
जागेश्वर धाम का प्राचीन मंदिर इस क्षेत्र को सदियों से आध्यात्मिक जीवंतता प्रदान कर रहे हैं जो भारत में उत्तराखंड राज्य के अल्मोड़ा के पास सातवीं और बारहवीं शताब्दी के बीच निर्मित 100 से भी अधिक हिंदू मंदिरों का एक समूह है। जागेश्वर मंदिर यहां के 124 मंदिरों में से सबसे बड़ा मंदिर है जो पर्यटकों द्वारा सबसे ज्यादा देखा जाता है। जागेश्वर धाम में ज्यादातर मंदिर भगवान शिव को समर्पित है।
कटारमल सूर्य मंदिर
कटारमल सूर्य मंदिर भारतवर्ष का प्राचीनतम सूर्य मंदिर है। यह सूर्य मंदिर अपनी बनावट के लिए विख्यात है। माना जाता है कि अल्मोड़ा स्थित कटारमल सूर्य मंदिर 800 से भी अधिक साल पुराना है। मंदिर में भगवान शिव और माता पार्वती के अलावा लक्ष्मी नारायण की मूर्तियां भी स्थापित है। कोणार्क के सूर्य मंदिर के बाद कटारमल का यह सूर्य मंदिर दर्शनीय है। कोणार्क के सूर्य मंदिर के बाहर जो झलक है, वह कटारमल मंदिर में आंशिक रूप में दिखाई देती है।
कसार देवी मंदिर
कसार देवी मंदिर मुख्य नगर से आठ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस मंदिर से हिमालय की ऊँची-ऊँची पर्वत श्रेणियों के दर्शन होते हैं। अल्मोड़ा पर्यटन स्थलों में सबसे पसंदीदा कसार देवी मंदिर है | कहते हैं कि इस मंदिर की स्थापना ईसा के दो वर्ष पहले हो चुकी थी। इस मंदिर का धार्मिक महत्व बहुत अधिक आंका जाता है। अल्मोड़ा की यात्रा पर आने वाले पर्यटक कसार देवी मंदिर के दर्शन करने के लिए भी आते हैं।
चितई मंदिर
चितई गोलू देवता मंदिर अल्मोड़ा का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर भगवान शिव के एक अन्य नाम चितई के रूप में जाना जाता हैं। यह मंदिर न्याय के देवता कहे जाने वाले गोलू देवता के नाम से प्रसिद्ध है। इस मंदिर का दर्शन करने के लिए देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी भारी मात्रा में भक्त आते हैं। इस मंदिर में प्रवेश करोगे तो आप अनगिनत घंटियों को देखकर दंग रह जाएंगे इसके पीछे सच्चाई यह है कि जिन भक्तों की मनोकामना पूरी होती है तो वह लोग यहां घंटियां बांध कर जाते हैं। मंदिर में भक्तो द्वारा लटकाई जाने वाली घंटियों का आकर्षण देखने लायक होता है। हिमालय की कई दर्शनीय चोटियों के दर्शन यहाँ से होते हैं। आप जब भी अल्मोड़ा की यात्रा पर जाए तो चितई मंदिर में भगवान के दर्शन के लिए जरूर जाए।
दूनागिरी मंदिर
मां दूनागिरी मंदिर हिंदुओं का एक प्रसिद्ध मंदिर है। दूनागिरी अल्मोड़ा जिले में एक पौराणिक पर्वत शिखर का नाम है, इसी पर्वत पर मां वैष्णवी का प्राचीनतम शक्ति पीठ मंदिर है। जिसको अब स्थानीय कुमाऊंनी भाषा में मां दूनागिरी के नाम से जाना जाता है। मंदिर के बारे में पौराणिक कथा है कि त्रेता युग में जब युद्ध के दौरान लक्ष्मण शक्ति बाण लगने से मूर्छित हो गए थे, तो वैद्य महाराज ने हनुमान जी से द्रोणाचल पर्वत से संजीवनी बूटी लाने को बोला था। उनकी आज्ञा के अनुसार हनुमान जी पूरा पर्वत लेकर आ रहे थे तभी पर्वत का एक हिस्सा टूट कर गिर गया जिसके बाद गिरे हुए स्थान पर दूनागिरी का मंदिर बना दिया गया। इस मंदिर के बारे में मान्यता है कि जो भक्त सच्चे मन से यहां भक्ति करते हैं उनकी मनोकामना जरूर पूरी होती है।
जीरो पॉइंट
अलमोड़ा के खूबसूरत आकर्षण में से शामिल जीरो पॉइंट एक वन्यजीव अभयारण्य का परिसर बिंदु है। जीरो पॉइंट तक जाने के लिए अभ्यारण परिसर में लगभग 1 किलोमीटर की पैदल यात्रा करनी पड़ती हैं। ज़ीरो पॉइंट तक पहुंचने के लिए ट्रेकिंग एक शानदार गतिविधि हैं। जीरो प्वाइंट से आसमान का दृश्य मंत्रमुग्ध कर देने वाला है, खासकर सूर्यास्त और सूर्योदय के दौरान। जोकि यहाँ के खूबसूरत नजारों के साथ-साथ प्राकृतिक सुंदरता को बयां करता हैं।
बिनसर
अल्मोड़ा हिल स्टेशन से लगभग 33 किलोमीटर की दूरी पर स्थित बिनसर पर्यटन स्थल एक छोटा सा गांव हैं। जोकि देवदार के पेड़ों के हरे-भरे जंगल, घास के मैदान और खूबसूरत मंदिरों के लिए जाना जाता हैं। समुद्र तल लगभग 900 मीटर से 2500 मीटर की ऊंचाई पर स्थित आकर्षित स्थान हैं और यह देखने लायक शहर ओक, पाइंस और रोडोड्रोन निकट स्थित हैं।
मोहनजोशी पार्क.
इस जगह पर एक ताल का निर्माण किया गया है। मानव निर्मित ‘v’ आकार के इस ताल की सुन्दरता इतनी आकर्षक है कि सैलानी घंटों इसी के पास बैठकर प्रकृति की अद्भुत छवि का आनन्द लेते रहते हैं। यहाँ का मोहक और शान्त वातावरण पर्यटकों के लिए काफी सुखद अनुभव रहता है।
ब्राइट एंड कॉर्नर
ब्राइट एंड कॉर्नर अल्मोड़ा के बस स्टेशन से 2 किमी की दूरी पर स्थित एक अद्भुत स्थल है। इस स्थान से उगते हुए और डूबते हुए सूर्य का दृश्य देखने देशभर से प्रकृति प्रेमी आते रहते हैं। यह एक विशेष बिंदु है जहां से हिमालय की अविश्वसनीय दृश्य देख सकते हैं। इस शांत दृश्य के पास एक विवेकानंद पुस्तकालय है जो इसके बहुत करीब स्थित है।
एडवेंचर स्पोर्ट्स
अल्मोड़ा कुमाऊं पर्वत श्रृंखला में स्थित है और माउंटेन बाइकिंग के लिए भारत में सबसे लोकप्रिय स्थलों में से एक है। यहां आपको बाइक किराए पर आसानी से मिल जाएगी, इसके बाद आप उबड़-खाबड़ पहाड़ी रास्तों पर बाइक चलाने का आनंद ले सकते हैं। यदि आप ट्रैकिंग के शौकीन हैं तो अल्मोड़ा में ट्रेकिंग करने का अपना ही मजा है। यहां की ट्रैकिंग रूट मुक्तेश्वर, जालना, लमगड़ा और शीतलाखेत आदि जगहों में आप ट्रैकिंग का आनंद ले सकते हैं। यदि आप अल्मोड़ा में रिवर राफ्टिंग का आनंद लेना चाहते हैं तो आपको काली शारदा नदी जाना होगा। यहां पर आप राफ्टिंग का मजा ले सकते हैं।
अगर आप अल्मोड़ा आने की सोच रहे हैं तो इस वैकेशन आपके पास एक अच्छा मौका है प्रकृति की बाहों में कुछ समय बिताने का। यहां की ताजी हवा, घने जंगल, वृक्षों की छाया, दूर तक फैले बर्फ के पहाड़, फूलों से भरे हुए खुशबूदार पेड़, गिरते झरने आपकी सारी थकावट को दूर कर देंगे।
अगर आप अल्मोड़ा आने की सोच रहे हैं तो आप यहां किसी भी मौसम में जा सकते हैं। बारिश के मौसम को छोड़कर आप किसी भी मौसम में अल्मोड़ा जा सकते हैं। सबसे अच्छा समय यहां आने का मार्च-अप्रैल और अक्टूबर-नवंबर का महीना होता है। वैसे आप चाहे तो गर्मी के मौसम में कभी भी अल्मोड़ा घूमने की योजना बना सकते हैं।
अल्मोड़ा जाने के लिए आप सड़क मार्ग, रेल मार्ग व हवाई मार्ग तीनो का विकल्प चुन सकते हैं। समीपवर्ती प्रदेशों से अल्मोड़ा के लिए राज्य परिवहन निगम की बस सेवाएं उपलब्ध हैं। रेल मार्ग की बात करें तो निकटतम रेलवे स्टेशन काठगोदाम है, जो अल्मोड़ा से 91 किलोमीटर की दूरी पर है। काठगोदाम से प्रमुख शहरों के लिए हमेशा ट्रेन मिल जाती है। अगर आप हवाई मार्ग का विकल्प चुनते हैं तो निकटतम हवाई अड्डा पंतनगर हवाई अड्डा है, जो अल्मोड़ा से 120 किमी दूर है। यहां टैक्सी द्वारा आसानी से पहुंचा जा सकता है।